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प्लेटफॉर्म नंबर 8 में ट्रैक के नीचे सीमेंट-कांक्रीट कराने से बोर्ड का इनकार
प्लेटफॉर्म नंबर 8 का विस्तार नीलगंगा क्षेत्र की ओर किया जा रहा है। 700 मीटर के इस प्लेटफॉर्म की शुरुआत अगस्त 2019 में हुई थी। तब दिसंबर 2020 में इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा था। इसकी लागत 12 करोड़ रुपए थी।
रेलवे अफसरों के अनुसार बोर्ड ने ट्रैक के नीचे सीमेंट-कांक्रीट के काम पर सहमति नहीं दी है। ऐसे में यह अपने तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा जिसकी लागत निर्माण के दौरान ही घट गई है। लॉकडाउन में रेलवे के अन्य कामों की तरह इस काम की गति भी प्रभावित हुई लेकिन यह रुका नहीं। रेलवे अफसरों का कहना है कि बारिश में भी इसका काम चलता रहेगा। इसकी वजह यह है कि आधार स्तर पर जो काम होना था वह कर लिया है। अब जो काम हैं, वे ऊपरी स्तर के हैं, जो तेज बारिश को छोड़ हर तरह के मौसम में किए जा सकते हैं। ऐसे में इसके दिसंबर 2020 तक पूरा करने के आसार हैं। प्लेटफॉर्म नंबर 8 का विस्तार होने से यहां आने वाले यात्री माधवनगर स्टेशन के अलावा नीलगंगा क्षेत्र से भी बाहर निकल सकेंगे हालांकि सिंहस्थ में इसकी शुरुआत हो गई थी लेकिन तब प्लेटफाॅर्म नंबर 8 छोटा होने से यात्रियों को असुविधा हो रही थी। इसे देखते हुए रेलवे ने प्लेटफॉर्म नंबर 8 का 300 मीटर तक विस्तार करने की शुरुआत कर दी है। यहां नया प्लेटफॉर्म बनाने के लिए बेस वर्क का काम पूरा हो गया है। बारिश के पानी की निकासी के लिए प्लेटफाॅर्म के पास नालियां बनाई हैं। इसके अलावा विस्तारित क्षेत्र में शेड बनाया जाएगा। प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर रैंप का काम पूरा हो गया है। इसके नीचे सरफेज का काम पूरा कर लिया है। यहां पर शेड लगाने के लिए खंभे भी खड़े कर दिए हैं। पूर्व में प्लेटफॉर्म आउट टू आउट ब्रिज तक ही सीमित था। अब उसे नीलगंगा क्षेत्र तक बढ़ाया जा रहा है। रेलवे अफसरों के अनुसार यह काम एक महीने में पूरा किया जा सकता है। उनका दावा है कि काम पूरा होने पर प्लेटफॉर्म नंबर 8 उसी तरह दिखाई देखा जैसा प्लेटफॉर्म नंबर 1 है। यहां वे सभी सुविधाएं भी जुटाई जाएंगी।
विस्तार कर रहे हैं, काम तय समय में पूरा हो जाएगा
प्लेटफॉर्म नंबर 8 का विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत सरफेज का काम पूरा होने वाला है। इसके बाद शेड लगाए जाएंगे। प्लेटफॉर्म को एक नंबर प्लेटफॉर्म की तरह बनाया जाएगा।
विनीत कुमार गुप्ता, डीआरएम